भारत में साइबर अपराधो में तीव्र वृद्धि
(Sharp Rise in Cybercrimes in India)
चर्चा में क्यों ?
भारत में साइबर अपराधों में तीव्र वृद्धि हाल के वर्षों में एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन गतिविधियों में बढ़ोतरी के साथ, साइबर हमलों की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। ग्रह मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग प्लेटफार्म द्वारा आंकड़ों के अनुसार भारत में साइबर घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है ।
साइबर अपराधों की वर्तमान स्थिति:
‘द स्टेट ऑफ ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी 2025’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति सप्ताह औसतन 3,291 साइबर हमले हो रहे हैं, जो वैश्विक औसत 1,847 हमलों प्रति सप्ताह की तुलना में 44% अधिक है। विशेष रूप से, हेल्थकेयर सेक्टर सबसे अधिक प्रभावित है, जहां प्रत्येक संगठन को प्रति सप्ताह औसतन 8,614 हमलों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकारी प्रयास और नीतियाँ:
1. साइबर अपराधों से निपटने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के प्रति सचेत किया है और सुरक्षित वेबसाइट डोमेन नामों की शुरुआत की घोषणा की है। उदाहरण के लिए, बैंकों के लिए ‘bank.in’ और गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों के लिए ‘fin.in’ डोमेन नाम पेश किए जाएंगे, जिससे धोखाधड़ी को कम करने में मदद मिलेगी।
2. सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बजट 2025 में 1,900 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। इसमें साइबर सुरक्षा कैपिटल प्रोजेक्ट के लिए 782 करोड़ रुपये और इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In) के लिए 255 करोड़ रुपये शामिल हैं।
3. 10 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी पर पीड़ितो को शिकायत दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी, जिसे जांच के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन को स्थानांतरित कर दिया जाएगा ।
चुनौतियाँ और समाधान:
साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या के पीछे कई कारक हैं, जैसे डिजिटल साक्षरता की कमी, कमजोर साइबर सुरक्षा बुनियादी ढांचा, और नवीनतम तकनीकों के प्रति अपर्याप्त जागरूकता। इन चुनौतियों से निपटने के लिए, सरकार ने रणनीति अपनाई है, जिसमें बेहतर कानून प्रवर्तन, जन जागरूकता अभियान, और मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है।