स्वतंत्रता क्या है ? what is freedom? freedom or liberty

Liberty (स्वतंत्रता)

प्रस्तावना के अन्तर्गत स्वतंत्रता एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में सम्मिलित है , जो प्रत्येक भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित करता है ।

स्वतंत्रता का अर्थ एवं महत्व 

स्वतंत्रता का अर्थ किसी भी बंधन एवं बाधाओं से मुक्त होने से है भारतीय संविधान की प्रस्तावना में स्वतंत्रता को प्रत्येक नागरिकों के अपने विचारों को व्यक्त करने ,अपनी मर्ज़ी से धर्म एवं उपासना का पालन करने और विश्वास रखने की स्वतंत्रता एवं अधिकार प्रदान करती है ।

“ स्वतंत्रता सामाजिक अकांक्षाओं के अनुरूप जीवन जीने की दशाएं होती हैं जिसमें कोई व्यक्ति अपने मन पसन्द कार्य गतिविधि में आंतरिक व बाहरी रूप से सहजता का अनुभव करता है ।”

स्वतंत्रता के सामान्यतः दो प्रकार के निहितार्थ होते हैं 

  • एक तरफ स्वतंत्रता का संबंध मानवीय गुण से है अर्थात् स्वाधीनता (Freedom) से है तथा
  • दूसरी तरफ इसका संबंध स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जीने की दशाओं से अर्थात स्वतंत्रता (Liberty) से होता है 

नोट – स्वाधीनता (Freedom) ,स्वतंत्रता की तुलना में निम्न स्तर का पहलू होता है ।

स्वतंत्रता (Liberty) होने से नागरिक बाहरी परिपेक्ष्य से सहज अनुभव तथा अपने मन के अनुकूल कार्य कर पाता है ।

स्वच्छन्धता (Licence) एक व्यक्ति अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों के लिए जब दूसरों के हितों/अधिकारों का हनन करता है तो इसे स्वच्छन्धता कहते हैं।

कानून (Law) & स्वतंत्रता(liberty)

कानून समाज में अनुशासन और व्यवस्था को बनाए रखती है कानून लेटिन भाषा के ligare शब्द से बना है जिसका अर्थ है बंधन में डालना ।

यहां बंधन में डालने से तात्पर्य स्वतंत्रता देने से है न की बंधन में डालने से । बंधनकारी प्रावधानो से असमाजिक तत्वों के व्यवहार उनके चरित्र में सुधार करने की कोशिश की जाती है तथा मृत्युदंड का प्रावधान भी सुधार के अवसर न होने पर दिए जाते हैं।

इसे, कानून/संविधान से राज्य नियंत्रण में होता है जिससे व्यक्ति को स्वतंत्रता होती है ऐसे भी समझा जा सकता है ।

111@socialawarenesses.com
111@socialawarenesses.com
Articles: 21

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *